Physics (mppat)
lesson 7
kinetic theory of gases
गैसे :- पदार्थ की वह अवस्था जिसमें निम्नलिखित गुण हो , गैसीय अवस्था कहलाती है -
1. इनका घनत्व ठोस या द्रव अवस्था से बहुत कम होता है l ( घनत्व का कम ठोस >द्रव >गैस ) अर्थात गैस के अणु दूर - दूर होते हैं l
2. यह सभी दिशाओं में प्रवाहित हो सकती है l
3. इनका निश्चित आयतन व आकृति नहीं होती है l
4. इनमें अंतराण्विक बल न्यूनतम होता है l
5. यह आसानी से संपीड़ित व प्रसारित हो सकती है l. गैसों का अणुगति सिद्धांत:- वह सिध्दांत जिसकी सहायता से गैसों के भौतिक गुण जैसै - दाब , प्रसार , प्रत्यावस्था , विसरण
आदि की व्याख्या की जा सकती है l गैसों का अणुगति सिद्धांत कहलाता है l
क्लासियस तथा मेक्सवेल ने इस सिध्दांत को प्रतिपादित किया था l इस सिध्दांत की मुख्य अवधारणायें निम्न हैं -
1. प्रत्येक गैस छोटे छोटे कणों से मिलकर बनी होती है जिन्हें अणु कहते हैं l
2. गैस के अणु दृढ़ , पूर्णतः प्रत्यास्थ , गोलाकार व सभी प्रकार से एक समान होते हैं l
3. अणुओं का आकार अंतर परमाण्विक दूरी (10 की घात - 9 भी.) की तुलना में नगण्य होता है l
4. अणु सभी सम्भव वेग से सभी दिशाओं में अनियमित गति करते हैं l
5. ये अणु बर्तन की दीवारों से टकराते रहते हैं किन्तु इन टक्करों से गैस का आयतन नहीं बदलता है अर्थात गैस के प्रति एकांक आयतन में अणुओं की संख्या स्थिर रहती है l
6. दो अणुओं की टक्कर पूर्णतः प्रत्यास्थ होती है l अर्थात टक्कर के समय उनके मध्य आकर्षण या प्रतिकर्षण बल नहीं लगाता है l
7. दो अणु की टक्कर क्षणिक होती है l
8. अणुओं की पात्र की दीवारों से संघट्य
( टकराहट ) के कारण उनके संवेग में परिवर्तन होता है l (वेग सदिश राशि है )
संवेग में परिवर्तन = mv - (- mv)
= mv+mv
= 2mv
संवेग में यह परिवर्तन दीवारों को स्थानांतरित हो जाता है इसी कारण पात्र की दीवारों पर एक दाब आरोपित होता है l गैसों के नियम :-
1. बायल का नियम :- स्थिर ताप पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का आयतन उसके दाब के व्युत्क्रमानुपाती है l2. चार्ल्स का नियम :- स्थिर दाब पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का आयतन उसके परमतताप के अनुक्रमानुपती ( समानुपाती ) होता है l
किन्तु सेन्टीग्रेड पैमाने पर = स्थिर दाब पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान के ताप को 1⁰c बढ़ाने पर उसका आयतन 0⁰c वाले आयतन का 1/273 वां भाग बढ़ जाता है l
Vt = V0+V0×1/273×t
t = ⁰c में ताप
V0 = 0⁰c पर आयतन
Vt = t⁰c पर आयतन
Vt = V0+V0/273×t
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